Education

Best 10 Motivational Story in Hindi: 10 प्रेरणा दायक कहानियां

Motivational Story in Hindi: सभी का हमारी साइट पर एक बार फिर से स्वागत है। आज के इस विशेष लेख में हम आपके साथ 10 सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक कहानियाँ साझा करेंगे, जो आपके जीवन में नई ऊर्जा, जोश, जुनून का संचार करेंगी और आपके लक्ष्यों की प्राप्ति के मार्ग में सहायक सिद्ध होंगी।

दोस्तों, जीवन-परिवर्तनकारी कहानियों के महत्व पर चर्चा करने से पहले मैं यह अवश्य कहना चाहूंगा कि यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो प्रेरणादायक कहानियाँ और सफलता की कहानियाँ पढ़ना-सुनना अत्यावश्यक है। जब हम किसी सफल व्यक्ति की कहानी को पढ़ते हैं, तो उनके जीवन से हमें बहुमूल्य शिक्षाएँ प्राप्त होती हैं। इसलिए, आप इन 10 सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक कहानियों को अवश्य पढ़ें।

प्रेरणादायक कहानियाँ

जीवन में सफलता की अभिलाषा हर व्यक्ति के मन में होती है, और सभी के अपने-अपने लक्ष्य एवं सपने होते हैं। लेकिन, उनमें से केवल कुछ ही लोग अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में सफल हो पाते हैं। उनकी सफलता का एक प्रमुख कारण यह है कि वे सफल व्यक्तियों की जीवनी पढ़ते हैं, प्रेरणादायक कहानियों का अध्ययन करते हैं, और सफल लोगों के जीवन से निरंतर सीखते रहते हैं, जिससे वे सदैव प्रेरित रहते हैं। Motivational Story in Hindi

मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा अत्यंत आवश्यक है। यह प्रेरणा हमें सफलता की कहानियाँ, प्रेरणादायक कहानियाँ, और प्रेरणादायक पुस्तकों के अध्ययन से प्राप्त होती है। हम इस वेबसाइट पर प्रतिदिन दो प्रेरणादायक पोस्ट करते हैं, जिन्हें पढ़कर आप नियमित रूप से हिंदी में सफलता की कहानियाँ पढ़ सकते हैं। तो, हमारे साथ जुड़े रहें और अपने जीवन को प्रेरणा और सकारात्मकता से भरपूर बनाएं।

प्रेरणादायक कहानी: राजा और उसके नौकर की परीक्षा

एक बार की बात है, राजदरबार में एक अजनबी व्यक्ति नौकरी की तलाश में आया। जब राजा ने उस व्यक्ति से उसकी काबिलियत के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि वह व्यक्ति हो या जानवर, उसकी शक्ल देखकर उसके बारे में बहुत कुछ बता सकता है।

राजा ने उसकी अद्वितीय क्षमता से प्रभावित होकर उसे अपने खास घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज बना दिया। कुछ दिनों बाद राजा ने उस व्यक्ति से अपने विशेष और महत्वपूर्ण घोड़े के बारे में जानकारी चाही। उस व्यक्ति ने कहा, “यह घोड़ा नस्ली नहीं है।” राजा को यह सुनकर अत्यंत हैरानी हुई। उसने जंगल से घोड़ा बेचने वाले व्यक्ति को बुलाया और पूछा। उस व्यक्ति ने बताया कि घोड़ा नस्ली तो है, लेकिन जब यह पैदा हुआ था, तब इसकी मां की मृत्यु हो गई थी और यह गाय का दूध पीकर पला-बढ़ा है। Motivational Story in Hindi

राजा ने नौकर से पूछा, “तुम्हें यह कैसे पता चला कि यह घोड़ा नस्ली नहीं है?” नौकर ने उत्तर दिया कि “यह घोड़ा देखने में तो नस्ली लगता है, लेकिन इसके चलने-फिरने का ढंग और व्यवहार गाय की तरह है।”

महाराज उसकी असाधारण प्रतिभा से अत्यंत प्रसन्न हुए और इनाम स्वरूप उसके घर अनाज, घी, और अन्य खाद्य पदार्थ भिजवाए। साथ ही उसे रानी के महल में तैनात कर दिया।

कुछ समय बाद, राजा ने पुनः उस नौकर से अपनी रानी के बारे में राय पूछी। नौकर ने कहा, “रानी का रहन-सहन तो राजसी है, लेकिन उनकी जन्मजात प्रकृति शाही नहीं है।” यह सुनकर राजा को गहरा आघात लगा। उसने अपनी सास को बुलाया और सारा मामला बताया। राजा की सास ने स्वीकार किया कि सचमुच, उनके पति ने राजा के पिता से अपनी बेटी के विवाह का रिश्ता मांगा था, लेकिन उनकी बेटी छः महीने की उम्र में ही चल बसी थी। राजपरिवार से संबंध बनाए रखने के लिए उन्होंने किसी और की बच्ची को अपनी बेटी बना लिया था।

राजा ने नौकर से पूछा, “तुम्हें यह कैसे पता चला?” नौकर ने कहा, “रानी साहिबा का नोकरों के साथ सुलूक गवारों जैसा है। एक खानदानी व्यक्ति का दूसरों के साथ व्यवहार करने का एक खास तरीका होता है, जो रानी साहिबा में नहीं है।” Motivational Story in Hindi

राजा एक बार फिर नौकर की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हुआ और उसे भेड़-बकरियां तथा अन्य उपहार देकर सम्मानित किया, साथ ही उसे अपने दरबार में तैनात कर लिया।

कुछ समय बीतने के बाद, राजा ने नौकर को बुलाकर अपने बारे में राय मांगी। इस पर नौकर ने कहा, “यदि जान की सलामती हो, तो बता सकता हूं।” राजा ने उसे वादा दिया। नौकर ने कहा, “आप ना तो राजा के बेटे हैं और ना ही आपके आचरण में राजसी ठाट-बाट है।”

राजा को क्रोध तो बहुत आया, लेकिन उसने जान की सलामती का वादा किया था। वह सीधे अपनी मां के पास पहुंचा। मां ने कहा, “यह सच है कि तुम एक चरवाहे के बेटे हो। हमारे कोई संतान नहीं थी, इसलिए हमने तुम्हें गोद लिया था।”

राजा ने नौकर को बुलाकर पूछा, “तुम्हें यह कैसे पता चला?” नौकर ने कहा, “जब राजा किसी को इनाम दिया करते हैं, तो सोना-चांदी और आभूषण देते हैं। लेकिन आपने भेड़-बकरियां और खाने-पीने का सामान दिया, यह तरीका चरवाहे का होता है, किसी राजा का नहीं।”

उस नौकर ने कहा कि धन-दौलत केवल बाहरी दिखावा है। किसी व्यक्ति की असली पहचान उसके आचरण और व्यवहार से होती है। Motivational Story in Hindi

कहानी की सीख

दोस्तों, यह कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि व्यक्ति की महानता उसके आचरण, आदतों और सोच में होती है, न कि उसकी संपत्ति में। किसी की असलियत उसके व्यवहार से झलकती है, इसलिए हमें अपने व्यवहार और आदतों को सदैव उत्तम बनाए रखना चाहिए।

सांप और कुल्हाड़ी की कहानी

एक समय की बात है, एक दुकानदार अपनी दुकान बंद कर घर चला गया। उसी रात, एक भूखा सांप खाने की तलाश में दुकान में घुस आया। दुकान में इधर-उधर भटकते हुए, वह सांप गलती से एक धारदार कुल्हाड़ी से टकरा गया और जख्मी हो गया। भूख और दर्द से परेशान, वह सांप क्रोध में भर गया और बदले की भावना से कुल्हाड़ी को डसने लगा।

जैसे-जैसे उसने कुल्हाड़ी पर बार-बार वार किया, वैसे-वैसे उसकी चोटें गहरी होती गईं और उसके मुंह से खून बहने लगा। क्रोध और अधिक बढ़ा, तो वह कुल्हाड़ी के चारों ओर लिपट गया और उसे कसकर पकड़ लिया, मानो दुश्मन पर प्रहार कर रहा हो। परिणामस्वरूप, उसका पूरा शरीर कट गया और सांप ने वहीं दम तोड़ दिया। Motivational Story in Hindi

अगले दिन सुबह, जब दुकानदार ने दुकान खोली, तो उसने कुल्हाड़ी से लिपटा हुआ सांप देखा। दुकानदार को यह समझते देर न लगी कि सांप अपनी मूर्खता और क्रोध के कारण स्वयं ही मरा है।

कहानी की सीख

इस प्रेरणादायक कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि क्रोध हमें कभी आगे नहीं बढ़ने देता, बल्कि विनाश का कारण बनता है। किसी भी परिस्थिति को शांत रहकर सुलझाया जा सकता है। यदि आपको जीवन में प्रगति करनी है, तो क्रोध को त्याग दीजिए, वरना यह आपको सांप की तरह भीतर से खा जाएगा और आपके विनाश का कारण बन जाएगा। Motivational Story in Hindi

लकड़हारे और कुल्हाड़ी की धार

एक अन्य कहानी में, एक लकड़हारा था जो पूरी शक्ति के साथ एक के बाद एक पेड़ काटता था। वह अपने काम में इतना तल्लीन था कि उसे कभी थकान महसूस नहीं होती थी। उसके जोश और मेहनत को देखकर एक दूसरा व्यक्ति वहां आया और उसने लकड़हारे की मेहनत को देखकर प्रेरणा ली।

यह व्यक्ति भी उसी प्रकार पेड़ काटने में जुट गया। पहले दिन उसने लकड़हारे से भी अधिक पेड़ काटे और अत्यधिक प्रसन्न हुआ। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, वह व्यक्ति रोज़ कम पेड़ काटने लगा और उसकी संख्या घटती गई। अंततः वह परेशान होकर लकड़हारे के पास गया और अपनी समस्या साझा की। Motivational Story in Hindi

लकड़हारा मुस्कुराते हुए बोला, “बेटा, मैं हर दिन रात को आराम करते समय अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज कर लेता हूं, जिससे अगले दिन लकड़ी काटने में आसानी होती है।” उस व्यक्ति ने इस सलाह को समझ लिया और अपनी गलती पर विचार किया।

कहानी की सीख

इस प्रेरणादायक कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि क्या आप अपने आप को निरंतर सुधार रहे हैं? क्या आप अपने दिमाग को तेज और ज्ञानवर्धक बना रहे हैं? आज के युग में सीखना और आत्म-सुधार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जितना अधिक आप अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे, उतने ही अधिक सफल और कामयाब बनेंगे। इसलिए, हमें सदैव अपने आप को अपग्रेड करते रहना चाहिए। Motivational Story in Hindi

दोनों कहानियाँ हमें इस बात की गहरी समझ देती हैं कि क्रोध और अज्ञानता कैसे हमारे जीवन को नष्ट कर सकते हैं और कैसे धैर्य और आत्म-सुधार हमें सफलता की ओर ले जा सकते हैं।

प्रेरणादायक कहानी: सकारात्मक दृष्टिकोण का महत्व

एक बार की बात है, एक भारतीय फुटवियर कंपनी ने अपना व्यापार दक्षिण अफ्रीका में विस्तारित करने का निर्णय लिया। इस कंपनी के दो वरिष्ठ स्टाफ सदस्य, राकेश और राजेश, जिन्हें एक ही पद पर नियुक्त किया गया था, इस कार्य के लिए चुने गए। दोनों ने एक ही कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई की थी, लेकिन उनकी सोच में जमीन-आसमान का अंतर था।

जब कंपनी ने उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाकर बाजार का सर्वेक्षण और डेटा संग्रहण करने का आदेश दिया, तो राजेश ने इसे अपने ऊपर एक बोझ मानते हुए कहा, “कंपनी हमेशा मुझे ही चुनती है, हर काम के लिए!” उसे यह काम एक कठिनाई प्रतीत हुआ, लेकिन मालिक का आदेश था, इसलिए उसे जाना पड़ा।

वहीं दूसरी ओर, राकेश बहुत उत्साहित था। उसे नए स्थानों पर घूमने का शौक था, और वह नए लोगों से मिलने और अपने व्यवसाय को नए क्षेत्रों में स्थापित करने के लिए हमेशा तत्पर रहता था।

दोनों एक ही विमान से दक्षिण अफ्रीका पहुंचे, लेकिन उनके सर्वेक्षण क्षेत्र अलग-अलग थे। Motivational Story in Hindi

राजेश ने जो भी डेटा एकत्रित किया, उसे मालिक को भेज दिया और लिखा, “यहां हमारा व्यापार नहीं चल सकता। यहां के लोग बिल्कुल समझदार नहीं हैं, उनका रहन-सहन हमारे जैसा नहीं है, और सबसे बड़ी बात यह है कि वे जूते-चप्पल नहीं पहनते। इन्हें समझाना बहुत मुश्किल होगा।”

इसके विपरीत, राकेश ने उत्साहपूर्वक मालिक को रिपोर्ट भेजी, “यहां हमारे फुटवियर व्यापार को बढ़ाना अत्यंत आसान होगा। क्योंकि यहां के लोग जूते-चप्पल नहीं पहनते, इसलिए हम आराम से अपना व्यापार कर सकते हैं और हमारे मुनाफे को कई गुना बढ़ा सकते हैं।”

कंपनी के मालिक ने राकेश की सकारात्मक सोच की सराहना करते हुए उसे कंपनी का प्रमुख बना दिया, जबकि राजेश को उसके नकारात्मक दृष्टिकोण के कारण निचले पद पर काम करना पड़ा।

कहानी की सीख

इस प्रेरणादायक कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सकारात्मक सोच से हर काम आसान प्रतीत होता है और समाधान के रास्ते खुलते हैं। दूसरी ओर, नकारात्मक सोच हमें आगे बढ़ने से रोक देती है। इसलिए, अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रखना अत्यंत आवश्यक है। Motivational Story in Hindi

प्रेरणादायक कहानी: अवसर की पहचान का महत्व

एक समय की बात है, एक लड़का था जिसका नाम श्याम था। वह अपनी जिंदगी से बहुत परेशान था क्योंकि उसके पास धन की कमी थी। वह अपने माता-पिता को तीर्थयात्रा पर भेजने का सपना देखता था, लेकिन यह सब धन के बिना संभव नहीं था।

अपनी समस्या का समाधान खोजने के लिए श्याम अपने गुरुजी के पास गया। गुरुजी ने श्याम को एक समुद्र तट पर ले जाकर कहा, “यहां जितने भी कंकड़ पड़े हैं, उनमें से एक ऐसा कंकड़ है, जो किसी भी धातु को छूते ही सोने में बदल देगा। वह कंकड़ तापमान में अन्य से अलग होगा। बाकी सभी कंकड़ ठंडे होंगे, लेकिन वह गर्म होगा। यदि तुम उसे पहचान पाओगे, तो अनगिनत धन कमा सकते हो।” Motivational Story in Hindi

श्याम इस बात को सुनकर अत्यंत उत्साहित हुआ, लेकिन उसे यह भी पता था कि गुरुजी का दिया हुआ कार्य आसान नहीं होगा।

अगले दिन से श्याम उस स्थान पर जाकर कंकड़ों को पहचानने में जुट गया। वह दिन भर कंकड़ को उठाकर उनका तापमान महसूस करता और ठंडे कंकड़ों को समुद्र में फेंक देता, ताकि वह उन्हें दोबारा न उठाए।

इस प्रकार, पांच दिन, दस दिन और चार महीने बीत गए, लेकिन उसे वह गर्म कंकड़ नहीं मिला। हालांकि वह थक चुका था, पर उसे विश्वास था कि वह कंकड़ उसे अवश्य मिलेगा।

समय के साथ उसकी गति इतनी तेज हो गई कि वह कंकड़ों को बिना ध्यान से परखे समुद्र में फेंकने लगा। पांच महीने के बाद उसकी गति इतनी तेज हो गई कि उसने उस काम को हल्के में लेना शुरू कर दिया।

एक दिन उसके हाथ वह गर्म कंकड़ लग गया, लेकिन अपनी रफ्तार के चलते उसने उसे भी समुद्र में फेंक दिया। कुछ सेकंड बाद उसे एहसास हुआ कि उसने वह कंकड़ खो दिया है, लेकिन अब वह उसे समुद्र से नहीं निकाल सकता था।

कहानी की सीख

इस प्रेरणादायक कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में अवसर हमारे सामने आते रहते हैं, लेकिन यदि हम उन्हें हल्के में लें, तो वे हमारे हाथ से निकल जाते हैं। यदि हमें जीवन में बड़ी सफलता चाहिए, तो एक भी दिन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समझदारी और सतर्कता से काम करना आवश्यक है, ताकि जब अवसर आए, तो हम उसे पहचान सकें और उसका लाभ उठा सकें। Motivational Story in Hindi

दोनों कहानियाँ हमें बताती हैं कि सकारात्मक दृष्टिकोण और सतर्कता जीवन में सफलता के द्वार खोलती हैं। हमें हर अवसर को महत्व देना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

प्रेरणादायक कहानी: अद्वितीयता और संतोष का महत्व

प्राचीन समय की बात है, एक कौआ एक पेड़ की शाखा पर बैठा उदास होकर रो रहा था। उसी समय, वहां से एक महात्मा गुजर रहे थे, जिनके गाल पर पानी की एक बूंद गिरी। महात्मा ने ऊपर देखा तो पाया कि यह बूंद उस कौए की आंखों से आई थी, जो रो रहा था।

महात्मा ने कौए से पूछा, “तुम क्यों परेशान हो?” कौआ बोला, “कैसे न होऊं? ईश्वर ने मुझे जीवन दिया, लेकिन रंग काला दिया। जहां भी जाता हूं, लोग मुझे भगाते हैं। कोई मुझे पालता भी नहीं। श्राद्ध पर ही मेरा उपयोग होता है, और झूठा भोजन करता हूं। मेरी जिंदगी में बहुत कठिनाइयाँ हैं।” Motivational Story in Hindi

महात्मा ने कहा, “अगर तुम चाहो, तो मैं तुम्हें कुछ और बना सकता हूं।” इस पर कौआ बोला, “मैं हंस बनना चाहता हूं।” महात्मा ने कहा, “ठीक है, लेकिन पहले हंस से मिल लो।”

कौआ हंस के पास गया और बोला, “हंस भाई, क्या शानदार जिंदगी है तुम्हारी। कितना सुंदर रंग है तुम्हारा। पानी में कितने सुंदर ढंग से तैरते हो, तुम जरूर बहुत खुश रहते होगे।” हंस ने जवाब दिया, “नहीं, मैं बिल्कुल खुश नहीं हूं। सफेद भी कोई रंग है? पानी में मेरा पता ही नहीं चलता।”

कौआ और हंस दोनों महात्मा के पास वापस आए। हंस ने महात्मा से कहा, “मुझे तोता बना दीजिए।” महात्मा ने वही शर्त रखी कि वे पहले तोते से मिल लें।

दोनों जंगल में तोते को देखने गए। बहुत समय बाद उन्हें एक तोता मिला। हंस ने कहा, “तोता भाई, क्या शानदार जीवन है तुम्हारा। कितना खूबसूरत हो तुम। लोग प्यार से तुम्हें मिट्ठू बुलाते हैं।” तोता बोला, “मैं बहुत परेशान हूं। ऐसा रंग है कि पेड़ में छुप नहीं पाता, लोग हमेशा मुझे पकड़ने की कोशिश करते हैं।”

तीनों महात्मा के पास लौटे। तोते ने कहा, “महात्मा जी, मुझे मोर बना दीजिए। मोर का जीवन अद्भुत होता है। लोग उसके नृत्य को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं।”

महात्मा जी ने कहा, “मैं तुम्हें मोर बना दूंगा, लेकिन पहले मोर से मिल लो।” तीनों मोर के पास गए और बोले, “मोर भाई, तुम्हारा जीवन कितना शानदार है।” मोर बोला, “मेरा जीवन बहुत मुश्किल है। अगले पल का भरोसा नहीं है। शिकारियों का डर हमेशा बना रहता है।”

कौआ हैरान होकर बोला, “फिर आपके हिसाब से सबसे खुश कौन है?” मोर ने उत्तर दिया, “तुम सबसे खुश हो, क्योंकि तुम्हें किसी बात का खतरा नहीं है।”

कहानी की सीख

यह कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि जैसे हम हैं, वैसे ही संतुष्ट और खुश रहना सीखें। दूसरों से अपनी तुलना करने से हम कभी खुश नहीं रह सकते, क्योंकि ईश्वर ने सभी को अद्वितीय बनाया है। Motivational Story in Hindi

“अपनी तुलना दूसरों से करना ईश्वर का अपमान है।”

प्रेरणादायक कहानी: धैर्य और सावधानी का महत्व

एक समय की बात है, एक गरीब लड़का था जिसका नाम राम था। उसके घर की स्थिति बहुत खराब थी। एक दिन उसने शहर जाकर काम करने का निर्णय लिया ताकि वह अपने परिवार की आर्थिक सहायता कर सके। शहर पहुंचकर, राम ने नौकरी की तलाश की और जल्द ही उसे काम मिल गया।

राम ने अपने मालिक का काम पूरी ईमानदारी से किया, जितना मालिक उम्मीद करते थे, उससे अधिक मेहनत की। राम की मेहनत से मालिक बहुत खुश हुआ। ऐसे ही पांच-छह महीने बीत गए। अब राम ने कहा, “मालिक, मुझे घर जाना है।” Motivational Story in Hindi

मालिक ने कहा, “तुम घर दो महीने बाद जाना। एक छोटा सा काम है, उसे पूरा करने के बाद जा सकते हो।” राम ने पूछा, “क्या काम है, मालिक?” मालिक ने कहा, “तुम्हें इस शहर में एक अच्छा सा घर देखना होगा। खरीदने के बाद तुम घर जा सकते हो।”

यह सुनकर राम बहुत खुश हुआ और घर की तलाश में लग गया। दस दिन के भीतर उसने एक घर खरीद लिया और मालिक को बताया। मालिक ने कहा, “तुमने घर दस दिन में ही खरीद लिया। अब तुम घर जा सकते हो।”

राम ने खुश होकर पूछा, “मालिक, क्या मैं अपने घर जा सकता हूं?” मालिक ने जवाब दिया, “तुम केवल दो दिन के लिए जा सकते हो।” राम हैरान होकर बोला, “मालिक, मुझे घर जाने में ही एक दिन लगता है और आप कह रहे हैं कि दो दिन में वापस आना है।”

मालिक ने मुस्कुराते हुए कहा, “राम, तुम अपने माता-पिता को यहीं लाकर उनके साथ रहना। यह घर तुम्हारे लिए ही खरीदा है।” राम ने कहा, “मालिक, अगर आप पहले बता देते कि यह घर मेरे लिए है, तो मैं और अच्छा घर खरीद सकता था। मैंने जल्दी-जल्दी में यह घर खरीदा है।”

कहानी की सीख

यह कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी काम हो या निर्णय, जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। अक्सर हम देखते हैं कि लोग जल्दबाजी में गलत निर्णय ले लेते हैं। हर काम को पूरे जोश और दिल से करें ताकि आपको बाद में पछतावा न हो। जल्दी में किया गया काम अक्सर पछतावा ही देता है। Motivational Story in Hindi

निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं कि आपको ये प्रेरणादायक कहानियाँ पसंद आई होंगी और इनसे आपने बहुत कुछ सीखा होगा। यदि आपको यह कहानियाँ अच्छी लगी हों तो कृपया इन्हें अपने दोस्तों के साथ साझा करें और अपने विचार कमेंट करके जरूर बताएं। Motivational Story in Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *